haldwani sharhaldwani

Curfew Haldwani violence

कुमांऊ का प्रवेश द्वार कहे जाने वाले हल्द्वानी की हवाओ में एक अलग ही बात है। और ये शहर हर किसी को या बहार वाले को गले से लगा लेता है लेकिन बीते बृहस्पतिवार  को ऐसा क्या हुआ जिसने हल्द्वानी को आग की लपटों मे शामिल कर दिया और यहाँ के शांत वातावरण को अशांत कर दिया।

Cu

एक सवाल बनभूलपुरा के उन सभी उपद्रवी निवासीयों और सरकारी सिस्टम से भी है। जिस कारण शहर ने आज इस हैवानियत जिसमे पत्थर फेके गये और गाडियों को आग के हवाले किया गया है ये देख के तो ऐसा नही लगता की ये उपद्रवी पहाड़ के हो सकते है। क्योंकि एक पहाड़ी भले ही वो किसी भी समुदाय का क्यों ना हो वो ऐसा कार्य कभी नही करेगा। काफी अर्से के बाद शायद ऐसा कभी हुआ हो जब इस तरीके के भयावह मंजर दिखे हो.

जहाँ कई घंटे तक बारिश हुई हो सायद आप सोच रहे हो की बारिश तो रोज ही होती है लेकिन ये बारिश पानी की नही बल्कि पत्थरों की बारिश हुई है। इस पत्थरों की बारिश मैं कई पुलिस कर्मी भी घायल हुए हैं और गाडियों को आग के हवाले कर दिया गया और गोलियों की आवाज से पुरा हल्द्वानी शहर सहम सा गया और अपनी दुकान दरवाजे सभी बंद कर दिए गये।

इस पुरे तांडव मैं पत्थर और गोली लगने से 6 लोगों की मौत हो गयी बताया जा रहा है की 300 से ज्यादा लोगो को चोटें आयी है जख्मी केवल पुलिस कर्मी ही नही बल्कि पत्रकार और आम जनता भी सामिल है ।

चलिए अब आपको बताते है की क्या कारण रहा जिससे हल्द्वानी पर इतना बड़ा दाग लगा जिसे पूरी तरह भरने मैं न जाने कितना समय लगेगा यह घटना साम्प्रदायिक तनावा का बिल्कुल नही था बल्कि यह कानून व्यवस्था का मामला है क्यूकी पुलिस प्रसासन आकलन करने मैं फेल रही।

violence

अवैध धार्मिक स्थल तोड़ने का मसला सीधे तौर पर प्रशासन से जुड़ा था। इसे तोड़ने पर स्थानीय स्तर पर किस भी तरह का रिएक्शन हो सकता है। इसका आकलन प्रशासनिक अधिकारियों ने तरीके से नहीं किया। जिसका नतीजा यह रहा कि शहर मैं सड़कों पर इस कदर तांडव दिखा की। हर तरफ खौफ का माहौल देखा गया।

Curfew Haldwani

इसी बिच जब विडियो वायरल हुई तो उसमे साफ साफ सुनाई देता है चीखने चिल्लने की आवाज बचाने की आवाज, ऐसा लगता है की पुलिस को जानकारी नही मिली की बनभूलपुरा मैं इस बिच किस प्रकार का माहोल है पुलिस ने बिना तयारी के पुलिस को मोके पे भेज दिया गया|

Curfew Haldwani violence

जब ये सब हुआ तो देहरादून को भी समय पर सुचना तक नही दी गयी | तो इसी बिच कहीं से मुख्मंत्री को पता चला की हल्द्वानी मैं तो मीटिंग को बिच मैं ही छोड़ कर उन्होंने मुख्य सचिव और डीजीपी की आपतकाल मैं बैटक बुलाकर पुरे मामले पर नजर बनाई और राहत और बचाव के लिए उचित कदम उठाने को कहा

Curfew

By fyi

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *