भगवान शिव के आभूषण और उनके रहस्य  _ Part 1  

OM ÑamāH Shívåyä  

शिव की जटाएं भगवान शिव ब्रह्मांड के देवता माने जाते है. इनके द्वारा धारण की गई जटाएं वायुमंडल की प्रतीक मानी जाती है

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शिव का अर्धचन्द्र भगवान शिव के सिर पर चन्द्र का होना समय को नियंत्रण करने का प्रतीक है

OM ÑamāH Shívåyä  

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शिव का त्रिशूल  त्रिशूल भौतिक, दैविक, आध्यात्मिक इन तीनों तापों को नष्ट करता है. शिव का त्रिशूल मानव शरीर में मौजूद तीन मूलभूत नाड़ियों बायीं, दाहिनी और मध्य का प्रतिबिंब है. त्रिशूल रज सत और तम का प्रतीक है

शिव का सर्पहार भगवान शिव अपने गले में सर्प धारण करते हैं जो भूत, वर्तमान एवं भविष्य का सूचक है

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बाघ की खाल महादेव शक्ति के मालिक हैं और सभी शक्तियों से ऊपर हैं.शिव के बाघ की खाल को व्याघ्र हिंसा और अहंकार का प्रतीक माना जाता है.जिसका अर्थ है कि शिव ने हिंसा और अहंकार का दमन किया है

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शिव का त्रिपुंड शिव जी के माथे पर 3 रेखाएं बनीं होती हैं. कहा जाता है कि यह तीनों लोकों का प्रतीक है. इसे रज, तम और सत गुणों का भी प्रतीक माना जाता है

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