शिव की जटाएं
भगवान शिव ब्रह्मांड के देवता माने जाते है. इनके द्वारा धारण की गई जटाएं वायुमंडल की प्रतीक मानी जाती है
OM ÑamāH Shívåyä
शिव का अर्धचन्द्रभगवान शिव के सिर पर चन्द्र का होना समय को नियंत्रण करने का प्रतीक है
OM ÑamāH Shívåyä
OM ÑamāH Shívåyä
शिव का त्रिशूल त्रिशूल भौतिक, दैविक, आध्यात्मिक इन तीनों तापों को नष्ट करता है. शिव का त्रिशूल मानव शरीर में मौजूद तीन मूलभूत नाड़ियों बायीं, दाहिनी और मध्य का प्रतिबिंब है. त्रिशूल रज सत और तम का प्रतीक है
शिव का सर्पहारभगवान शिव अपने गले में सर्प धारण करते हैं जो भूत, वर्तमान एवं भविष्य का सूचक है
OM ÑamāH Shívåyä
बाघ की खाल
महादेव शक्ति के मालिक हैं और सभी शक्तियों से ऊपर हैं.शिव के बाघ की खाल को व्याघ्र हिंसा और अहंकार का प्रतीक माना जाता है.जिसका अर्थ है कि शिव ने हिंसा और अहंकार का दमन किया है
OM ÑamāH Shívåyä
शिव का त्रिपुंडशिव जी के माथे पर 3 रेखाएं बनीं होती हैं. कहा जाता है कि यह तीनों लोकों का प्रतीक है. इसे रज, तम और सत गुणों का भी प्रतीक माना जाता है